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अवैध ईंट भट्ठा पर हुई कार्रवाई तो दूसरे नाम से शुरू हो गया काम, अब आयुक्त ने मांगा है जवाब
#खिजरसराय; मगध प्रमंडल के आयुक्त जितेंद्र श्रीवास्तव द्वारा आज मंगलवार को लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम 2015 के तहत कुल 12 वादों में सुनवाई की गई, जिनमें 11 अपील के एवं एक अनुपालन के मामले शामिल थे. सुनवाई के दौरान अपीलार्थी कुंदन कुमार के मामले में जिला खनन पदाधिकारी, गया, अंचलाधिकारी, खिजरसराय एवं थानाध्यक्ष, खिजरसराय की काफी खिंचाई हुई. गौरतलब है कि कुंदन कुमार ने खिजरसराय में संचालित सत्यम ईंट भट्ठा के विरुद्ध सरकारी जमीन का उपयोग करने की शिकायत की थी. अंचलाधिकारी ने प्रतिवेदित किया कि सत्यम द्वारा 5 एकड़ 20 डिसमिल जमीन का उपयोग ईंट बनाने के लिए किया जा रहा था, जिसे बंद करा दिया गया है.
सत्यम कुमार कुंदन कुमार ने बताया कि सत्यम ईंट भट्ठा जो पूर्व में तमन्ना ब्रिक्स के नाम से चलता था. दोनों एक ही मालिक गणेश कुमार का है. जब तमन्ना ब्रिक्स पर अवैध ईंट भट्टा संचालित करने के लिए कार्यवाही हुई तो वह नाम बदलकर सत्यम ईट भट्ठा के नाम से पुनः संचालित हो गया. आवेदक ने कई गंभीर आरोप लगाए, जिस पर आयुक्त महोदय ने सुनवाई करते हुए तीनों पदाधिकारियों की खिंचाई की. उन्होंने सहायक निदेशक, खनन से जवाब तलब किया है कि खान निरीक्षक द्वारा जब 8 फरवरी 2018 को यह सत्यापन किया गया था कि भट्ठा अवैध रूप से चल रहा है तो किन परिस्थितियों में 22 फरवरी 2018 तक कोई कार्रवाई नहीं की गई. गौरतलब है कि 22 फरवरी को प्राथमिकी दर्ज की गई है.
आयुक्त ने सहायक निदेशक, खनन से यह प्रतिवेदन की भी मांग की है कि जब मूल्यांकन प्रतिवेदन में ईट भट्ठा के संचालक द्वारा मिट्टी खुदाई के लिए जमीन के 50 प्लाट का उल्लेख किया गया है तो उनमें से अधिकांश प्लॉट से मिट्टी कटाई क्यों नहीं हुई और अन्य स्थल से मिट्टी कटाई क्यों हो रही है. भट्ठा बंद करा दिया गया तो 14 लाख ईंट कैसे बन चुका है और यह किस प्लॉट के मिट्टी से पका है. उन्होंने अंचलाधिकारी, खिजरसराय से जवाब तलब किया है कि जब ईट भट्ठा संचालक द्वारा 5 एकड़ 20 डिसमिल सरकारी जमीन का 6 वर्षों से उपयोग किया जा रहा है. 5 साल तमन्ना ईंट भट्ठा के नाम से और 1 साल सत्यम ईट भट्ठा के नाम से तो उनके विरुद्ध अब तक ठोस कार्रवाई क्यों नहीं की गई. उन्हें अगली तिथि को स्पष्ट प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया और यह भी चेतावनी दी गयी कि अगर प्रतिवेदन संतोषजनक नहीं पाया गया तो उनके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने सहायक निदेशक, खनन को अगली तिथि को यह भी स्पष्ट करने को कहा है कि जब सत्यम के मालिक ने फर्म का नाम बदलकर ईट भट्ठा संचालन की अनुमति मांगी तो उसे एनओसी कैसे मिल गई.
वहीँ थाना प्रभारी, खिजरसराय से जवाब तलब किया गया है कि जब ईट भट्ठा को बंद कराया गया तो चौकीदार की प्रतिनियुक्ति क्यों नहीं की गयी. 22 फरवरी 2018 को प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी लेकिन आज तक ईंट भट्ठा चलने की जानकारी मिल रही है. इस बिंदु पर अनुमंडल पदाधिकारी, नीमचक बथानी को स्वयं स्थल जांच कर उपरोक्त सभी बिंदुओं पर प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का निदेश दिया गया. उन्होंने विभागीय पदाधिकारी की शिथिलता की भूमिका पर भी अनुमंडल पदाधिकारी को अपना मंतव्य देने का निर्देश दिया है.
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